Disclaimer: I've written in the title also, I'm warning you again...if you're here for some religious stuff, then don't move ahead... :P
Trend of writing Dohas(rhyming couplets) is no more found, but someone tried to bring them back to life in a comic way, called "हास्य रस"...read them...u'll love them for sure...
१) कर्जा देता मित्र को, वो मूरख कहलाये
महामूर्ख वो यार है, जो पैसे लौटाए ।
२) बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोये
पंगा ले कर पुलिस से, साबित बचा न कोए ।
३) गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागू पाए
तभी पुलिस ने गुरु के, पाँव दिए तुड्वाए ।
४) पूर्ण सफलता के लिए, दो चीजें रख याद
मंत्री की चमचागिरी, पुलिस का आशीर्वाद ।
५) नेता को कहता गधा, शरम न तुझको आये
कहीं गधा इस बात का, बुरा मान न जाए ।
६) बूढ़ा बोला वीर रस, मुझसे पढ़ा न जाए
कहीं दांत का सैट ही, नीचे न गिर जाए ।
७) हुल्लढ़ खैनी खाइए, इससे खांसी होए
फिर उस घर में रात को, चोर घुसे न कोए ।
८) हुल्लढ़ काले रंग पर, रंग चढ़े न कोए
लक्स लगा कर कांबली, तेंदुलकर न होए ।
९) बुरे समय को देख कर, गंजे तू क्यूँ रोये
किसी भी हालत में तेरा, बाल न बांका कोए ।
१०) दोहों को स्वीकारिये, या दीजे ठुकराए
जैसे मुझसे बन पड़े, मैंने दिए बनाये ।
PS: who-so-ever wrote this...awesome work man...loved it... :)